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Thursday, May 23, 2013

Nashatra/graha gochar shanti

रहों के अनुकुल फल प्राप्त करने के लिये संबन्धित ग्रह की शान्ति के उपाये किये जाते है. अन्य कारणों से भी ग्रहों की शान्ति करानी आवश्यक हो जाती है. जैसे:- गण्डमूळ, (Gandmoola) गण्डान्त, (Gandant,) अभुक्तमूल (Abhuktamoola)

इन अशुभ नक्षत्रों में जन्म होने पर इस अशुभता को दूर करने के लिये उपाय करने पड्ते है. गोचर में जब ग्रह अनिष्ट फल दे रहा हो या फिर दशा में कष्ट देने कि स्थिति में हों ऎसे में ग्रह के उपाय करना हितकारी रहता है.

जन्म कुण्डली में जब किसी ग्रह का सहयोग प्राप्त न होने की स्थिति में उस ग्रह से जुडे उपाय करने से ग्रह का शुभ सहयोग प्राप्त होता है. ये उपाय ग्रह से संबन्धित कार्यो में भी किये जा सकते है. जैसे:- शिक्षा में रुचि कम होने पर बुध के उपाय करने लाभकारी रहते है (remedies for Mercury to increase interest in education). इसी तरह बुध से संबधित अन्य कार्यो में भी बुध के उपाय करना हितकारी रहता है.

1. बुध की वस्तुओं से स्नान (Remedy for Mercury Through Bathing)
बुध की वस्तुओं का स्नान करने के लिये स्नान के पानी में साबुत चावल के दाने डालकर स्नान किया जाता है (put raw rice in the water and bathe with it). तांबे के बर्तन में जल भरकर रात भर रखने के बाद इस जल को ग्रहण किया जाता है (fill water in the copper utensil for a night and drink it in the morning for Mercury's Remedy). ऎसा करने पर तांबे के गुण जल के साथ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करते है. तथा बुध से जुडे रोगों होने पर यह उपाय करने पर लाभ प्राप्त होता है. इस उपाय को करते समय बुध के मंत्र का जाप करने पर उतम फल प्राप्त होते है (chant Mantra of Mercury along with this remedy to get more beneficial results).

2. बुध के दान (Astrological Remedy for Mercury Through Donation)
बुध के लिये किये जाने वाली वस्तुओं में हरी मूंग की दाल (donate green Moong Dal for Mercury Remedy) आती है. बुध की वस्तुओं में तांबे का दान भी किया जा सकता है. बुध की वस्तुएं दान करने पर बुद्धि व शिक्षा कार्यो में सफलता मिलती है. ये दान प्रत्येक बुधवार को किये जा सकते है. दान कि मात्रा अपने सामर्थ्य के अनुसार लेनी चाहिए.

3. बुध का मंत्र (Mercury Astrological Remedy by Chanting Mantra)
बुध मंत्र में "ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:" का जप करना चाहिए. इस मंत्र का एक माला अर्थात 108 बार जाप करने से बुध ग्रह की शान्ति होती है. बुध ग्रह जब गोचर में व्यक्ति के अनुकुल फल नहीं दे रहा हों तो इस मंत्र का जाप प्रतिदिन करना चाहिए (Recite Mantra of Mercury everyday during its transit to get favorable results). बुध की महादशा के शुभ फल पाने के लिये बुध की महादशा अन्तर्दशा में नियमित रुप से इस मंत्र का जाप करना लाभकारी रहता है.

4. बुध यंत्र को धारण करना (Remedy by Establishment by Mercury Yantra)
बुध यंत्र को अपने या अपनी संतान के अध्ययन कक्ष में लगाने से शिक्षा में उतम फल प्राप्त होने की संभावना बनती है. इस यंत्र को विशेष रुप से अपने व्यापारिक क्षेत्र में लगाने से व्यापार में उन्नति की संभावनाएं बनती है.

बुध ग्रह के अंकों का योग करने पर योगफल 24 आता है (the total sum of this Yantra is 24). इस यन्त्र को तांबे के पत्र पर, भोजपत्र पर या फिर कागज पर बनाया जा सकता है. जब इस यन्त्र को भोजपत्र या फिर कागज पर स्वयं बनाते समय इसके लिये अनार की कलम व स्याही के लिये लाल चन्दन, कस्तूरी व केसर की स्याही का प्रयोग किया जाना चाहिए(make it on paprus or copper sheet with the help of pomegranate quill, red sandalwood, saffron and musk). यन्त्र का निर्माण करते समय शुद्धता का ध्यान रखना आवश्यक होता है.

यन्त्र तैयार होने के बाद इसे व्यापार वृ्द्धि के लिये इसे व्यापारिक क्षेत्र में लगाने से लाभ व उन्नति प्राप्त होने की संभावनाएं बनती है (this Yantra can help to get favorable results in the business). बुध यन्त्र इस प्रकार है.

5. गुरु ग्रह के शान्ति उपाय (Remedies for Jupiter according to Astrology)
गोचर में या दशा में जब गुरु के शुभ फल प्राप्त न होने की स्थिति में गुरु ग्रह की शान्ति के उपाय करना लाभकारी रहता है. गुरु सबसे शुभ ग्रह है (Jupiter is a Karak planet of money, knowledge and child). इसलिये इनकी शुभता की सबसे अधिक आवश्यकता होती है. जब कुण्डली में गुरु अशुभ भावों का स्वामी हों तो गुरु की महादशा में इसकी शान्ति के उपाय करने लाभकारी रहते है (perform its remedies when Jupiter is under malefic influence or is a lord of the inauspicious planets). गुरु धन, ज्ञान व संतान के कारक ग्रह है. इसलिये गुरु के उपाय करने पर धन, ज्ञान व संतान का सुख प्राप्त होने कि संभावनाएं बनती है. गुरु के शान्ति उपायों में निम्न उपाय आते है:-

1. गुरु की वस्तुओं से स्नान (Remedy for Jupiter Through Bathing)
इस उपाय के लिये गंगाजल में पीली सरसों या शह्द दोनों को मिलाकर स्नान किया जाता है (mix yellow mustard and honey in the Ganga water and bathe with it). स्नान करते समय गुरु मंत्र का जाप करना लाभकारी रहता है. तथा इसके बाद शुद्ध जल से स्नान कर लिया जाता है. यह उपाय करने पर स्नान करने पर वस्तु का प्रभाव रोमछिद्रों से होते हुए व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करते है. उपाय के फलस्वरुप व्यक्ति को गुरु के गोचर या फिर दशा में शुभ फल प्राप्त होने की संभावना बढ जाती है.

2. गुरु की वस्तुओं का दान (Astrological Remedy for Jupiter Through Donation)
स्नान करने के उपाय के अतिरिक्त इसकी वस्तुओं का दान करने से भी व्यक्ति को लाभ प्राप्त होते है. दान की जाने वाली वस्तुओं में नमक, हल्दी की गांठें, नींबू आदि का दान किया जा सकता है (donate salt, turmeric and lemon as a products of Jupiter). इनमें से किसी एक वस्तु या फिर सभी वस्तुओं का दान गुरुवार को किया जा सकता है. दान करते समय शुभ समय में गौधुली मुहूर्त (Godhuli Muhurtha) का प्रयोग किया जा सकता है. वस्तुओं का दान करते समय अपने सामर्थय से अधिक वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए. जिस व्यक्ति के लिये यह दान किया जा रहा है. उसके स्वयं के संचित धन का प्रयोग इस कार्य के लिये करना विशेष रुप से शुभ रहता है.

3. गुरु मंत्र का जाप करना (Jupiter's Astrological Remedy by Chanting Mantra)
गुरु की शुभता प्राप्त करने के लिये गुरु मंत्र का जाप किया जा सकता है. " ऊं गुं गुरुवाये नम: " इस मंत्र का जाप प्रतिदिन एक माला या एक से अधिक माला प्रतिदिन करना शुभ रहता है. इसके अलावा गुरु का जाप गुरुवार के दिन करना भी लाभकारी रहता है. जिस अवधि के लिये यह उपाय किया जा रहा है उस अवधि में हवन कार्यो में इस मंत्र का जाप किया जा सकता है (recite this Mantra during Yajna too).

4. गुरु यन्त्र निर्माण (Remedy by Formation of Jupiter's Yantra)
गुरु यन्त्र (Guru Yantra) की पूजा करने से या फिर इसे धारण करने से धन संबन्धित परेशानियों में कमी होती है. आर्थिक स्थिति को सुदृढ करने में भी गुरु यन्त्र (Guru Yantra) उपयोगी रहता है (this remedy is auspicious to build good financial status). गुरु यन्त्र (Guru Yantra) के प्रभाव से संतान सुख प्राप्ति की संभावनाओं को सहयोग प्राप्त होगा. शिक्षा क्षेत्र में सफलता पाने के लिये यह योग विशेष रुप से लाभकारी सिद्धि होता है. गुरु यन्त्र की सभी संख्याओं का योग 27 होता है.

गुरु यन्त्र को बनाकर धन स्थान में या फिर पूजा स्थान में रखकर पूजा करने से इस यन्त्र के सभी शुभ फल प्राप्त होने की संभावना बनती है. इसकी पहली लाईन में 10, 5,12 ये संख्यायें आती है. मध्य की लाईन में 11,9,7 संख्याएं आती है. तथा अन्तिम लाईन में 6,13 व 8 ये संख्यायें आती है. गुरु यन्त्र की प्राण प्रतिष्ठा करने के लिये किसी योग्य पण्डित की सहायता ली जा सकती है (Make this Yantra with the help of knowledgeable priest). गुरु यन्त्र इस प्रकार है.

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